सरल शब्दों में बात करें तो जन्मकुंडली से अभिप्राय: एक निश्चित समय में आकाशमंडल में ग्रहों का खिंचा गया एक फोटॊ है इसे इस प्रकार भी कहा जा सकता है कि वास्तव में जन्म कुंडली किसी बालक या अन्य किसी सजीव वस्तु के जन्म के समय का नक्शा है। जिस समय में किसी बालक या सजीव वस्तु ने जन्म लिया था।

ज्योतिषाचार्य कृष्णा त्रिपाठी जी भारत में कुंडली मिलान के लिए विशिष्ट और अनुभवी ज्योतिषी हैं, जो नक्षत्र दोष के तथ्यों को ध्यान में रखते हैं। किसी भी व्यक्ति या सजीव व्यक्ति के जन्म के समय पूर्वी दिशा में जो राशि उदयमान होती है, उसे ही लग्न राशि की कहा जाता है। लग्न भाव को प्रथम भाव के नाम से भी जाना जाता है। किसी भी जन्मपत्री में कुल १२ भाव होते हैं। प्रत्येक भाव ३० अंश का होता है इस प्रकार भावों का विस्तार ३६० अंश तक होता है। जन्मपत्री के इन्हीं बारह भावों में १२ राशियां और ९ ग्रह स्थित होते है।

कुंडली मिलान हिंदू विवाह परंपरा के अनुसार सफल वैवाहिक जीवन के लिए बहुत आवशयक माना जाता है। मान्यता है की जातक और जातिका की जन्म कुंडली मैच हो रही है , कुंडली में गुण मिलान हो रहे है तो उनका वैवाहिक जीवन का सफर भी सफल रहेगा। कुंडली मिलान का अर्थ है की दो कुंडलियों की आपस में तुलना करना। जब भी किसी के घर में शादी की बात चलती है विशेषकर हिन्दू परिवारो में तो पंडित जी से लड़का और लड़की की कुंडली जरूर मिलवाई जाती है दोनों की कुंडली मिलाकार गुण – दोष देखे जाते है और यह अनुमान लगाया जाता है की शादी के बाद दोनों का वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा। यदि गुणो का मिलान हो जाता है तो रिश्ता पक्का समझा जाता है तो कुंडली मिलान का यही अर्थ है की आपकी और आपके पार्टनर की कुंडली में से कितने गुण एक दूसरे से मेल खाते है।

ज्योतिषाचार्य कृष्णा त्रिपाठी जी वर और वधु की कुंडली का सही से आकलन कर उनके गुणो का मिलान करते है और फिर वर व वधु के परिवार जनो को यह बतलाते है विवाह के पश्चात उनका दाम्पत्य जीवन कैसा रहेगा। यदि दोनों में से किसी की भी कुंडली में कोई दोष होता है जैसे की मांगलिक दोष या फिर संतान सम्बन्धी कोई दोष होता है तो उसका भी निवारण ज्योतिषाचार्य कृष्णा त्रिपाठी द्वारा बतलाया जाता है। अधिक जानकरी के लिए हमसे आज ही संपर्क करे।